झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर कहा, ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि शराबबंदी में कुछ संशोधन करें, क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं। इससे राजस्व की हानि, होटल उद्योग प्रभावित तथा पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।’
बिहार के मुख्यमंत्री @NitishKumar जी से आग्रह है कि शराब बंदी में कुछ संशोधन करें,क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल,बंगाल,झारखंड,उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं,इससे राजस्व की हानि,होटल उद्योग प्रभावित तथा पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 13, 2020
बता दें कि शराबबंदी को नीतीश कुमार के बड़े फैसलों में गिना जाता है। इसके कारण उन्हें राज्य की महिला मतदाताओं का साथ मिलता आया है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने जदयू सहित एनडीए को जमकर वोट दिया। इसका एक मुख्य कारण शराबबंदी जैसे फैसले को बताया गया है। हालांकि चुनावी माहौल में कई बार राज्य से शराब जब्त की गई। विपक्ष ने नीतीश के इस फैसले को फेल करार दिया था और इसे भ्रष्टाचार बढ़ने का कारण बताया था।
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चार साल में चार लाख गिरफ्तारी, 4000 करोड़ का घाटा
नीतीश कुमार ने पिछले चुनाव (2015) में शराबबंदी का वादा किया था और राज्य में 2016 में इसे लागू किया गया था। पिछले चार साल में शराबबंदी कानून के तहत चार लाख लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि राज्य के राजस्व को 4,000 करोड़ रुपये तक का घाटा हुआ है। विधानसभा चुनाव के दौरान यह मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन करने की बात कही थी। वहीं राजद नेताओं ने अपनी सरकार बनने पर फिर से शराब की बिक्री शुरू करने का वादा किया था।