WADA National Doping Testing Lab NDTL Ban Tokyo Olympic Preparation for Indian Athletes News Updates | नेशनल डोपिंग टेस्टिंग लैब के पास आधुनिक मशीनें होने के बावजूद पिछड़े, 11 महीने बाद भी एक्सपर्ट और टेस्टिंग स्टैंर्ड तय नहीं; अब फरवरी तक मौका

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2 मिनट पहले

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नेशनल डोपिंग टेस्टिंग लेबोरेटरी में जायजा लेते चेयरमैन और खेल मंत्री किरण रिजिजू। उन्होंने कहा- 6 महीने बाकी कमियां भी दूर कर ली जाएंगी।

  • वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने भारतीय लैब पर 6 महीने का प्रतिबंध बढ़ाया, जो 17 जुलाई से लागू होगा
  • इससे पहले वाडा ने नेशनल डोपिंग टेस्टिंग लेबोरेटरी (एनडीटीएल) पर अगस्त में 6 महीने का प्रतिबंध लगाया था

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने भारत की नेशनल डोपिंग टेस्टिंग लेबोरेटरी  (एनडीटीएल) पर बुधवार को 6 महीने का प्रतिबंध बढ़ा दिया है, जो 17 जुलाई से लागू हो चुका है। इससे पहले अगस्त में वाडा ने 47 खामियां पाए जाने पर दिल्ली स्थित एनडीटीएल पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाया था। 11 महीने बाद भी एनडीटीएल दो कमियों को दूर नहीं कर सका है। इस कारण वाडा ने प्रतिबंध बढ़ाकर फरवरी तक का समय और दिया है।

जिन दो कमियों को दूर करना है, उसमें पहली आइसोटोप रेसियो मास स्पेक्ट्रोमेट्री (आईआरएमएस) मशीन के लिए एक्सपर्ट नियुक्त करना है। दूसरा खिलाड़ियों की टेस्टिंग के लिए आईआरएमएस मशीन में नियमानुसार टेस्टिंग स्टैंडर्ड सेट करना है।

डोप टेस्ट के लिए स्टैंडर्ड सेट करना जरूरी
मशीन स्टैंडर्ड सेट के बाद ही जांच में यह पता चल सकता है कि खिलाड़ी के अंदर जो प्रतिबंधित तत्व पाया गया है। वह शरीर के अंदर नेचुरल रूप से बढ़ा है या उसके लिए कोई प्रतिबंधित दवा ली गई है। वहीं शरीर के अंदर यह मौजूद नेचुरल तत्व भी किस कारण से बढ़ा है। स्टैंडर्ड सेट नहीं होने से टेस्ट रिपोर्ट में गड़बडिय़ां सामने आती हैं। कई बार जिस खिलाड़ी को रिपोर्ट में प्रतिबंधित दवा के लिए दोषी माना, वह वाडा की ओर से बाहर जांच करवाने पर बरी हो गया।

अपने स्पेशलिस्ट को ट्रेंड नहीं कर पाए
11 महीने में एनडीटीएल अपने स्पेशलिस्ट को भी ट्रेंड कर इस योग्य नहीं बना सका, कि वह आईआरएमएस को कैलिब्रेट करके सही तरीके से रिपोर्ट तैयार कर सकें। ऐसा नहीं है कि हमारे पास विशेषज्ञों की कमी है या हमारे पास बाहर के स्पेशलिस्ट नहीं है। कहीं न कहीं एनडीटीएल उन्हें ट्रेंड करने में असफल रहा है।

एनडीटीएल जनरल बॉडी की मीटिंग नहीं बुलाई
पिछले साल अगस्त में वाडा की ओर से एनडीटीएल को सस्पेंड करने के बाद भी जनरल बॉडी की मीटिंग नहीं बुलाई गई। सूत्रों के मुताबिक एनडीटीएल के चेयरमैन खेल मंत्री किरण रिजिजू ही हैं। इसके बावजूद एनडीटीएल की कमी को दूर करने के लिए जनरल बॉडी की मीटिंग 11 महीने में एक बार भी नहीं बुलाई गई। न ही सदस्यों के साथ इसकी कमी को दूर करने को लेकर उनसे बातचीत की गई।

सस्पेंशन 6 महीने आगे बढ़ने के लिए दोषी कौन है?
पिछले साल अगस्त में जब एनडीटीएल को सस्पेंड किया गया था, तब रिजिजू ने कहा था कि कमी को दूर कर लिया जाएगा। हम सस्पेंशन के खिलाफ जाएंगे, लेकिन बाद में कोर्ट में अपील नहीं की गई थी। खेल मंत्री खुद ही इस मामले को देख रहे थे, लेकिन इतने गंभीर मामले में लापरवाही कैसे हुई और इसके लिए दोषी कौन है?

टोक्यो ओलिंपिक की तैयारियों पर असर पड़ेगा
डोपिंग से संबंधित मामलों के वकील पार्थ गोस्वामी ने कहा, ‘‘खेल मंत्रालय और एनडीटीएल के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। इसमें कहीं न कहीं लापरवाही बरती गई और इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। जब वाडा ने पिछले साल ही सस्पेंड करने के दौरान कारण बताए थे। उन्हें 11 महीने बाद भी दूर नहीं कर सके। इसके लिए कहीं न कहीं कमी रही है। इसका नुकसान एक साल के लिए टाले गए टोक्यो ओलिंपिक की तैयारी कर रहे खिलाड़ियों पर पड़ेगा। साथ ही बाहर के लैब में जांच के लिए सैंपल भेजने से एक्सट्रा बोझ भी सरकार पर पड़ रहा है। वहीं रिपोर्ट भी देरी से आ रही है।’’

क्या कहते है अधिकारी
एनडीटीएल के साइंटिफिक डायरेक्टर पीएल साहू से यह पूछे जाने पर कि इसके लिए दोषी कौन है तो उन्होंने भास्कर से कहा, ‘‘मैं कैसे कहूं कि कौन दोषी है।’’ 11 महीने में कमियां दूर नहीं होने के सवाल पर कहा, ‘‘मैं जवाब देने लिए अधिकृत नहीं हूं। सीईओ इसका जवाब देंगे।’’

वाडा हमेशा की लिए मान्यता रद्द करने देना चाहता है: रिजिजू

रिजिजू ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वाडा के सस्पेंशन की जानकारी थी। वाडा हमेशा के लिए एनडीटीएल की मान्यता खत्म कर देना चाहता था। हमने कोशिश करके इन 11 महीनों में बहुत सी कमियों को दूर कर दिया है। अब 6 महीने का समय और मिल गया है, उसे भी दूर कर लिया जाएगा।’’

क्या होता है कैलिब्रेशन और क्यों किसी एक्यूपमेंट के लिए जरूरी है
कैलिब्रेशन इंस्ट्रूमेंट और एक्यूपमेंट को इस तरह एडजस्ट करने की प्रक्रिया है कि वह मापने वाले पैरामीटर को सही आकलन कर सके। समय-समय पर कैलिब्रेशन करना आवश्यक होता है। यदि ऐसा नहीं किया जाएगा, तो इंस्ट्रूमेंट गलत रेटिंग दिखाएंगे और कुछ समय के बाद यह इंस्ट्रूमेंट किसी काम के नहीं रहेंगे। यदि आपका स्टैंडर्ड ही गलत है यानी कि 25 डिग्री पर 27 डिग्री पढ़ता है तो वह गलत वैल्यू ही दिखाएगा।

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