यूपी। कानपुर में लैब टेक्निशियन संजीत यादव के अपहरण के बाद हत्या के मामले में यूपी सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। अब इस मामले में 7 और पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है, इससे पहले सीओ मनोज गुप्ता और एएसपी अपर्णा गुप्ता समेत 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। थाना प्रभारी रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को भी सस्पेंड किया जा चुका है। अब तक इस मामले में कुल 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, इस मामले में अब तक 5 आरोपी पकड़े जा चुके हैं।
दरअसल, अपहरण मामले को लेकर शासन ने कानपुर में तैनात आईपीएस अफसर अपर पुलिस अधीकक्षक दक्षिण कानपुर नगर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन सीओ मनोज गुप्ता, पूर्व एसओ थाना बर्रा रंजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। अब इस केस में एडीजी बीपी जोगदंड को जांच सौंपी गई है। यह पता किया जाएगा कि पीड़ित परिवार ने फिरौती दी थी या नहीं। कानपुर अपहरण कांड में लैब टेक्निशन की मौत के बाद पुलिस ने कई खुलासे किए। पुलिस ने बताया कि संजीत की हत्या की साजिश रचने वाला उसका दोस्त ही था जो उसके साथ लैब में काम करता था।
Kanpur: Seven more Police personnel have been suspended in connection with Sanjeet Yadav kidnapping case. https://t.co/QWlE1gHNIm
— ANI UP (@ANINewsUP) July 24, 2020
पुलिस ने संजीत यादव केस में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, इन्होंने पूछताछ में पुलिस को बताया कि संजीत की हत्या 26-27 जून की रात में कर दी गई थी, आरोपियों ने बताया कि उन्हें फिरौती की रकम नहीं मिली थी। वहीं, पांडु नदी में संजीत के शव की तलाश की जा रही है, लेकिन अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उन्होंने संजीत की हत्या करके शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।
पुलिस ने बताया कि दोस्तों ने ही मिलकर संजीत यादव के अपहरण और हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इस पूरे मामले में दो महिलाएं भी शामिल थीं, इनमें से एक महिला को गिरफ्तार किया गया है जबकि दूसरी की तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि पैसों के लिए संजीत के दोस्तों ने उसका अपहरण किया था। आरोपियों ने वारदात के लिए किराये के कमरे का इस्तेमाल किया। संजीत को अगवा करके वहीं रखा गया था। पुलिस ने जिन 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनके नाम ज्ञानेंद्र यादव, कुलदीप गोस्वामी, रामजी शुक्ला, नीलू सिंह और प्रीति शर्मा हैं।
परिवार के किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती देने के आरोप में आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा, ‘पीड़ित के रिश्तेदारों का दावा है कि किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती दी गई। लेकिन अभी तक की जांच में हमें पता चला है कि आरोपियों को फिरौती की रकम नहीं मिली। हम सारे पहलुओं से केस की जांच कर रहे हैं।’
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