साल नया, तस्वीर फिर से वही। बिहार एक बार फिर से जलमग्न हो गया है। साल दर साल बिहार में बहुत कुछ बदला, लेकिन नहीं बदली है तो मानसून में राज्य की बदहाल स्थिति। इस बार कोरोना की वजह दोहरी मार पड़ी है। स्वास्थ्य सुविधाएं तो पहले ही चरमरा रही हैं, उस पर आधा बिहार तालाब बना हुआ है।
पुल ढह रहे हैं, सड़कों पर नाव तैर रही हैं। लोग अपने घर छोड़कर राहत कैंपों या सड़क पर रहने को मजबूर हैं। वर्तमान में बिहार की यही बदहाल तस्वीर है। करीब 30 फीसदी बिहार बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 15 लाख से ज्यादा की आबादी को इस बार भी बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है।
कौन-कौन से जिले ज्यादा प्रभावित
बिहार के 38 में से 11 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया एवं सारण जिले के 86 प्रखंडों के 625 पंचायतों की 14,95,132 आबादी बाढ़ से प्रभावित है। अब तक यहां से निकाले गए 1,36,464 लोगों को 14,011 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
बारिश से सबसे ज्यादा बुरा हाल दरभंगा जिले का है। यहां कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। 12 प्रखंडों के 131 पंचायतों की 5,36,846 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। हनुमाननगर प्रखंड के विशुनपुर गांव का तो यह हाल है कि लोगों के घरों में पानी घुस आया है और वे घुटने से लेकर कमर तक भरे पानी में रहने को मजबूर हैं।
17 जिलों में अलर्ट जारी
बिहार के उत्तरी हिस्से में अगले दो दिन फिर तेज बारिश के आसार हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने 17 जिलों के डीएम को अलर्ट भेजा है। ये जिले हैं: किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सहरसा, मधेपुरा, समस्तीपुर और खगड़िया।
मुजफ्फरपुर जिले में कई गांव के लोगों को मजबूरी में हाईवे पर शरण लेनी पड़ रही है। गांव कोल्हुआ, पैगंबरपुर निवासी एनएच27 पर रह रहे हैं। उनमें से एक बाढ़ पीड़िता ने बताया, ‘सड़क के किनारे रह रहे हैं। सरकार की तरफ से कभी रात को 2 बजे तो कभी दिन में 2 बजे खाना मिलता है। सरकार ने एक पॉलीथीन तक नहीं दिया है।’ यही हाल दरभंगा जिले के मब्बी गांव का है। आसपास के 7-8 गांव पानी में डूब चुके हैं। इस वजह से लोगों को एनएच57 पर शरण लेनी पड़ रही है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही ये नदियां
बागमती नदी, बूढी गंडक, कमला बलान, लालबकिया, पुनपुन, अधवारा, खिरोई, महानंदा तथा घाघरा नदी विभिन्न स्थानों पर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जल संसाधन विभाग के अनुसार सभी बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध सुरक्षित हैं।
इन 11 जिलों में प्रशासन की ओर से बचाव व राहत कार्य चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गई है। वायुसेना भी बचाव कार्य में मदद करने में जुटी हुई है। बाढ़ प्रभावित जिलों में खाने के पैकेट गिराए जा रहे हैं।
मदद के लिए मिलेंगे 6-6 हजार रुपये
बाढ़ग्रस्त इलाके के सभी परिवारों को जीआर मद में 6-6 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके लिए प्रभावित परिवारों की सूची तैयारी की जा रही है। बाद में इनके बैंक खाते की जानकारी ली जाएगी और सीधे पैसा उसी में डाला जाएगा।
गाय के लिए 30 हजार तो मुर्गी के लिए 50 रुपये की मदद
नकद पैसा ट्रांसफर के अलावा अन्य मदों में हुए नुकसान के लिए भी प्रशासन ने सूची तैयार की है। इसके मुताबिक ही जिसका जितना नुकसान हुआ है, उसे उतना पैसा दिया जाएगा। मसलन गाय या भैंस के लिए 30 हजार रुपये दिए जाएंगे जबकि प्रति मुर्गी 50 रुपये के भुगतान की राशि तय की गई है। मकान के लिए 4100 से 95,100 रुपये तक की राशि दी जाएगी। इसी तरह कई अन्य मद के लिए भी राशि तय की गई है।
साल नया, तस्वीर फिर से वही। बिहार एक बार फिर से जलमग्न हो गया है। साल दर साल बिहार में बहुत कुछ बदला, लेकिन नहीं बदली है तो मानसून में राज्य की बदहाल स्थिति। इस बार कोरोना की वजह दोहरी मार पड़ी है। स्वास्थ्य सुविधाएं तो पहले ही चरमरा रही हैं, उस पर आधा बिहार तालाब बना हुआ है।
पुल ढह रहे हैं, सड़कों पर नाव तैर रही हैं। लोग अपने घर छोड़कर राहत कैंपों या सड़क पर रहने को मजबूर हैं। वर्तमान में बिहार की यही बदहाल तस्वीर है। करीब 30 फीसदी बिहार बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 15 लाख से ज्यादा की आबादी को इस बार भी बाढ़ का दंश झेलना पड़ रहा है।
कौन-कौन से जिले ज्यादा प्रभावित
बिहार के 38 में से 11 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया एवं सारण जिले के 86 प्रखंडों के 625 पंचायतों की 14,95,132 आबादी बाढ़ से प्रभावित है। अब तक यहां से निकाले गए 1,36,464 लोगों को 14,011 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
दरभंगा का सबसे बुरा हाल
Bihar flood
– फोटो : PTI
बारिश से सबसे ज्यादा बुरा हाल दरभंगा जिले का है। यहां कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। 12 प्रखंडों के 131 पंचायतों की 5,36,846 आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। हनुमाननगर प्रखंड के विशुनपुर गांव का तो यह हाल है कि लोगों के घरों में पानी घुस आया है और वे घुटने से लेकर कमर तक भरे पानी में रहने को मजबूर हैं।
17 जिलों में अलर्ट जारी
बिहार के उत्तरी हिस्से में अगले दो दिन फिर तेज बारिश के आसार हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने 17 जिलों के डीएम को अलर्ट भेजा है। ये जिले हैं: किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सहरसा, मधेपुरा, समस्तीपुर और खगड़िया।
हाईवे पर रहने को मजबूर, 12 घंटे में मिल रहा खाना
Bihar Flood
– फोटो : PTI
मुजफ्फरपुर जिले में कई गांव के लोगों को मजबूरी में हाईवे पर शरण लेनी पड़ रही है। गांव कोल्हुआ, पैगंबरपुर निवासी एनएच27 पर रह रहे हैं। उनमें से एक बाढ़ पीड़िता ने बताया, ‘सड़क के किनारे रह रहे हैं। सरकार की तरफ से कभी रात को 2 बजे तो कभी दिन में 2 बजे खाना मिलता है। सरकार ने एक पॉलीथीन तक नहीं दिया है।’ यही हाल दरभंगा जिले के मब्बी गांव का है। आसपास के 7-8 गांव पानी में डूब चुके हैं। इस वजह से लोगों को एनएच57 पर शरण लेनी पड़ रही है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही ये नदियां
बागमती नदी, बूढी गंडक, कमला बलान, लालबकिया, पुनपुन, अधवारा, खिरोई, महानंदा तथा घाघरा नदी विभिन्न स्थानों पर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जल संसाधन विभाग के अनुसार सभी बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध सुरक्षित हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 25 टीमें तैनात
Bihar Flood
– फोटो : PTI
इन 11 जिलों में प्रशासन की ओर से बचाव व राहत कार्य चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गई है। वायुसेना भी बचाव कार्य में मदद करने में जुटी हुई है। बाढ़ प्रभावित जिलों में खाने के पैकेट गिराए जा रहे हैं।
मदद के लिए मिलेंगे 6-6 हजार रुपये
बाढ़ग्रस्त इलाके के सभी परिवारों को जीआर मद में 6-6 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके लिए प्रभावित परिवारों की सूची तैयारी की जा रही है। बाद में इनके बैंक खाते की जानकारी ली जाएगी और सीधे पैसा उसी में डाला जाएगा।
गाय के लिए 30 हजार तो मुर्गी के लिए 50 रुपये की मदद
नकद पैसा ट्रांसफर के अलावा अन्य मदों में हुए नुकसान के लिए भी प्रशासन ने सूची तैयार की है। इसके मुताबिक ही जिसका जितना नुकसान हुआ है, उसे उतना पैसा दिया जाएगा। मसलन गाय या भैंस के लिए 30 हजार रुपये दिए जाएंगे जबकि प्रति मुर्गी 50 रुपये के भुगतान की राशि तय की गई है। मकान के लिए 4100 से 95,100 रुपये तक की राशि दी जाएगी। इसी तरह कई अन्य मद के लिए भी राशि तय की गई है।