वहीं, कोरोना काल में दो बार स्वास्थ्य सचिव के फेरबदल पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। तेजस्वी ने ट्वीट किया कि ‘धूल चेहरे पर जमीं है और वो आईने बदल रहे है। बिहार इकलौता ऐसा प्रदेश है जहां कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग को तीसरा प्रधान सचिव मिला है। अब आपदा, स्वास्थ्य और ऊर्जा विभाग एक ही अधिकारी देखेंगे। बाकी सब शायद नाकाबिल है क्योंकि कारण सब जानते है। नीतीश जी, काल कोठरी से निकलिए।’
उसके बाद तेजस्वी ने एक और ट्वीट किया ‘माननीय मुख्यमंत्री जी, सबसे पहले अपने महा असफल स्वास्थ्य मंत्री को हटाइए। जिनके कार्यकाल में कितनी बहनों का सुहाग छिन गया, कितनी मांओं की कोख सूनी हो गई। चमकी से लेकर कोरोना में उन्होंने लापरवाही और अगंभीरता की पराकाष्ठा पार की है। वाह! ताली आप बटोरिएगा और गाली प्रधान सचिव।’
माननीय मुख्यमंत्री जी, सबसे पहले अपने महा असफल स्वास्थ्य मंत्री को हटाइए। जिनके कार्यकाल में कितनी बहनों का सुहाग छिन गया, कितनी माँओं की कोख सूनी हो गयी। चमकी से लेकर कोरोना में उन्होंने लापरवाही और अगंभीरता की पराकाष्ठा पार की है। वाह! ताली आप बटोरिएगा और गाली प्रधान सचिव।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 27, 2020
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, कुमावत की जगह 1991 बैच के आईएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत स्वास्थ्य विभाग के नए प्रधान सचिव होंगे। अधिसूचना के अनुसार कुमावत को अगले आदेश तक बिहार राज्य योजना बोर्ड, पटना के परामर्शी के पद पर पदस्थापित किया गया है और इसके साथ बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान के महानिदेशक के अतिरिक्त प्रभार से भी मुक्त कर दिया गया है।
अमृत, जो आपदा प्रबंधन विभाग और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं, को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने के साथ उन्हें बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के महाप्रबंधक पद के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच ही 20 मई को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात आइएएस अधिकारी संजय कुमार का तबादला कर उनके स्थान पर कुमावत को विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात किया था।
मीडिया में आयी रिपोर्ट के मुताबिक दो दिन पहले कैबिनेट की बैठक के दौरान में स्वास्थ्य विभाग के मौजूदा प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत के कामकाज को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की शिकायत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुमावत की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई थी।
आईएमए बिहार के महासचिव सुनील कुमार ने भी शनिवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कुमावत पर चिकित्सकों के प्रति उदासीन व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी।