जोधपुर। भारत-पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय सीमा पर सारी सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताकर पाकिस्तान से बाड़मेर में आई नकली नोटों की बड़ी खेप के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई है। नकली नोटों के भारतीय सीमा में पहुंचने के तरीकों से लेकर इसके नेटवर्क का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को जयपुर से आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की विशेष टीम भी जांच के लिए बाड़मेर पहुंची। बाड़मेर पुलिस की 6 टीमें पहले से इसके तार जोडऩे में जुटी है।
करीब छह साल बाद बाड़मेर जिला नकली नोटों की तस्करी से फिर सुर्खियों में आ चुका है। बॉर्डर से सटे बाखासर इलाके में पांच अगस्त को मिली करीब 6.55 लाख रुपए के 500-500 के नकली नोटों की खेप ने कई सवाल खड़े कर दिए है जबकि डेढ़ लाख रुपये के नकली नोट बाजार में चला भी दिए गए। बाड़मेर में नकली नोटों की खेप में पकड़े गए एक आरोपित से अब तक की हुई पूछताछ में पाकिस्तानीी तस्कर रोशन खां का नाम सामने आया है। पाक तस्कर रोशन खां ने ही पाक आईएसआई की मदद से नकली नोटों की खेप भारत-पाक के नवा तला तारबंदी इलाके से भारत में रह रहे पराडिय़ा निवासी अकबर खां के लिए सावर खान को सप्लाई की थी। अकबर व सावर खान से हुई पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि ये तस्कर पाक से आई नकली नोटों की खेप को असली नोटों के साथ मिक्स करके चलाते थे। ग्रामीण क्षेत्रों के भोले-भाले लोगों को असली के रूप में नोट दे देते थे। हालांकि नकली नोट भी दिखने में असली जैसे ही थे, पेपर देख कर पहचान करना मुश्किल था।
नकली नोट प्रकरण को लेकर जयपुर मुख्यालय से आई एटीएस की टीम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओपी उज्ज्वल के नेतृत्व में बाड़मेर पहुंची। यह टीम अपने स्तर पर जांच शुरू करेगी। बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि बॉर्डर पर पकड़ी गई नकली नोटों की खेप को लेकर एसएचओ ग्रामीण रामनिवास, एसएचओ प्रदीप डागा, एसएचओ बाखासर, एसएचओ कोतवाली, सीओ चौहटन व बाड़मेर की छह टीमें गठित की गई है। गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ और छानबीन की जा रही है। अभी तक कई अन्य लोगों से भी पूछताछ चल रही है।
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