जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के वसई में सिविल कोर्ट जूनियर डिविजन में चल रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इससे पहले 29 फरवरी 2020 को सभी आरोपियों को पेश होने के लिए कहा था। परंतु आरोपी पेश नहीं हुए थे। इसके बाद पांच अगस्त की सुनवाई में भी आरोपियों की गैरमौजूदगी और कोविड-19 महामारी के चलते अब अगली सुनवाई के लिए छह अक्तूबर की तारीख तय की गई है।
बता दें कि इसी साल जनवरी में मुंबई पुलिस ने वसई के अपर जिला व सत्र न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ दहेज हत्या, प्रताड़ाना, मानसिक व शारीरिक शोषण, घरेलू हिंसा और आत्महत्या के उकसाने व साजिश रचने जैसे आरोप लगाए गए थे।
चार्जशीट में मृतका के पति विमल वर्मा, ससुर विजय वर्मा, सास मीरा शरण, बड़ीननद दीपा वर्मा, नंदोई अविनाश और छोटी ननद मोनी उर्फ विजेता वर्ता को आरोपी बनाया गया है। बता दें कि आरोपी विमल उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में बैंक ऑफ बड़ौदा में अधिकारी है, जबकि बड़ी ननद दीपा इलाहाबाद बैंक में मैनेजर और नंदोई अविनाश बिहार सचिवालय में अधिकारी है। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 304 (ब), 498 (अ), 306, 406, 323, 504, 506 और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस केस के सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं।
जेल जा चुका है विमल वर्मा
गौरतलब है कि बीते वर्ष इस मामले में लगभग 2 महीनों तक फरार रहने के बाद वसई पुलिस ने मुख्य आरोपी विमल वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 14 दिनों की पुलिस रिमांड के बाद अदालत ने आरोपी पति को जेल भी भेज दिया था।
क्या है मामला
ज्योति बाला की शादी नवंबर 2017 में गांधी मैदान थाना स्थित सालिमपुर अरहा निवासी विमल वर्मा से हुई थी। मृतका के परिजनों का आरोप है कि ज्योति का पति और ससुराल वाले उसे दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। आरोप है कि आरोपियों ने ज्योति का जबरन गर्भपात कराने का भी प्रयास किया था। ऐसे ज्योति अपने मायके चली गई थी।
आरोप है कि इसके कुछ समय बाद प्रताड़ना से तंग आकर ज्योति ने मुंबई के वसई रोड में 9 जून 2019 को खुदकुशी कर ली थी। खुदकुशी से पहले ज्योति ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उसने आत्महत्या के लिए अपने पति विमल वर्मा और सभी ससुराल वालों को जिम्मेदार बताया था। साथ ही न्याय की गुहार लगाई थी।