वाराणसी। वीडीए की स्वामित्व की जमीन (राय साहब का बगीचा जिसकी कीमत सर्किल रेट के अनुसार लगभग 01 अरब 39 करोड़ रुपये) पर आपराधिक षड़यंत्र कर अवैध दस्तावेजों द्वारा मालिकाना हक व कब्जा साबित करने वाले भू-माफियाओं के चार सहयोगियों को कैंट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस बेशकीमती जमीन पर उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश के उपरांत संगठित भू-माफिया इस पर मालिकाना हक के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे।
गिरफ्तार आरोपितों जमालपुर मिर्जापुर निवासी ओम प्रकाश पुत्र पंचम राम, प्रशान्त उर्फ रिन्कू पुत्र राकेश,रामपुर कला थाना चकिया जिला चन्दौली निवासी उमेश कुमार, कैण्टोमेंट मल्टीपरपज ग्राउड सदर बाजार थाना कैंट जिला वाराणसी निवासी तरुण रंजन श्रीवास्तव पुत्र तेजबली श्रीवास्तव को रविवार शाम मीडिया के सामने पेश किया गया। एसएसपी अमित पाठक के अनुसार कैंट थाने में दर्ज मुकदमें के विवेचना के दौरान पता चला कि विकास प्राधिकरण के सम्पत्ति पर भूपेन्द्र प्रताप सिंह, अकिल अहमद, सन्तोष कुमार, रामेश्वर प्रताप आदि जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। राय साहब के बगीचा जिसका सम्पूर्ण क्षेत्रफल-45240 वर्ग मीटर है जिसकी सर्किल रेट के अनुसार कीमत लगभग 1 अरब 39 करोड़ रुपए के आस पास है।
इसका वाद सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है । इस जमीन पर वीडीए ने वर्ष 2002 में विभूति नगर योजना प्रोजेक्ट शुरु किया था। उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के कारण इस जमीन पर आरोपितों की नजर पड़ गई। भूपेन्द्र, अकिल अहमद, संतोष कुमार, वीरा इन्फ्रास्ट्रक्चर के रामेश्वर प्रताप, डाडू डेवलपर्स के पंकज कुमार, रघुकुल कन्सट्रक्शन के सिद्धार्थ सिंह, साकिब जफरुल इस्लाम शेख आदि ने वकार अहमद के सहयोग से जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत हल्का लेखपाल के माध्यम से गलत रिपोर्ट प्राप्त कर इस सम्पत्ति पर राय पुष्पलता का कब्जा साबित करने का प्रयास किया। बाद में इसका खंडन उप जिला अधिकारी सदर वाराणसी ने जांच के बाद किया। उनकी रिपोर्ट पर लेखपाल दण्डित हुआ।
एसएसपी ने बताया कि आरोपितों ने षडयंत्र कर इस जमीन पर अपना कब्जा करने के लिये सुनियोजित ढंग से प्रयास शुरु किया गया। इसके तहत आरोपितों ने सात मई 2017 को राय पुष्पलता द्वारा उसी जमीन का लीज डीड भूपेन्द्र प्रताप और अकील अहमद के नाम कर दिया। इसमें गवाह प्रताप सिंह और रामधनी राय बने। इसके बाद सात मई 2017 को ही राय पुष्पलता के द्वारा दूसरा लीज डीड संतोष कुमार के साथ किया गया। जिसमें गवाह अकील अहमद और रामधनी राय बने।
नौ अगस्त 2017 को राय पुष्पलता द्वारा अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति का वसीयतनामा भूपेन्द्र प्रताप सिंह और अकिल के साथ किया गया। 18 मार्च 2019 को राय पुष्पलता के द्वारा सट्टा बिना कब्जा बीरा इन्फ्रास्ट्रचर डेवलपर्स के साथ किया गया। 18 मार्च 2019 को राय पुष्पलता के खाते में 01 करोड़ रुपया आया। इस 01 करोड़ रुपये को सुनियोजित ढंग से आपराधिक षड्यंत्र के तहत एक राय होकर अकिल अहमद और भूपेन्द्र प्रताप सिंह व अन्य लोगों ने हड़पने का प्रयास किया।
उन्होंने बताया कि राय पुष्पलता की जमीन हड़पने के साथ-साथ उनके खाते में जो एक करोड़ रुपये गया था। उसको भी सुनियोजित ढंग से हड़प लिया गया। इसमें बैंक कर्मी तरुण रंजन श्रीवास्तव (एसडीओ) को अपने गिरोह में शामिल कर पहले राय पुष्पलता के खाते को कोटक महेन्द्रा बैंक के रामकटोरा शाखा से स्थानांतरित कर गोदौलिया शाखा में परिवर्तित किया गया। इसके बाद अकील, भूपेन्द्र और तरुण ने षडयंत्र के तहत नामिनी बदलवा कर भूपेन्द्र को राय पुष्पलता का भतीजा बता दिया। इसके बाद अकील, भूपेन्द्र, तरुण ने प्रशान्त उर्फ रिंकू ने बदल-बदल कर लाये गये लोगों द्वारा राय पुष्पलता के खाते में आये पैसे को एक राय होकर षडयंत्र के तहत कूटरचित तरीके से सारा पैसा निकाल लिया गया। इसका साक्ष्य पाये जाने पर आरोपितों के सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया।
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