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पटना7 घंटे पहले
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बिहार विधानसभा का चुनाव इस बार युवाओं और महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमता हुआ नजर आ रहा है।
- बिहार विधानसभा का चुनाव इस बार युवाओं और महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमता हुआ नजर आ रहा है।
- राजनीतिक दलों की मजबूरी है कि युवाओं को फोकस करना है। क्योंकि युवा बिहार में 65 फीसदी हैं।
बिहार चुनाव में युवा और महिला वोटर मुख्य टारगेट होंगे। सभी दल इनको रिझा रहे हैं। बिहार विधानसभा का चुनाव इस बार युवाओं और महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमता हुआ नजर आ रहा है। जिस तरह से लगातार सीएम नीतीश कुमार महिलाओं और युवाओं पर फोकस कर रहे हैं। ‘सक्षम बिहार और स्वावलंबी बिहार’ और ‘सक्षम महिला’ जैसी योजनाओं की घोषणा नीतीश कुमार ने की। वहीं दूसरी ओर राजद ने भी युवाओं के रोजगार पर फोकस किया है। तो भाजपा ने भी युवाओं को फोकस करते हुए ‘आत्मनिर्भर बिहार’ का नारा देकर बिहार विधानसभा में इंट्री की।
जाहिर सी बात है इस चुनाव में मुद्दे तो रहेंगे ही, साथ ही वोट टारगेट के तौर पर सभी दल युवाओं और महिलाओं को अपना निशाना बना रही है। जानकार भी बताते हैं कि राजनीतिक दलों की मजबूरी है कि युवाओं को फोकस करना है। क्योंकि युवा बिहार में 65 फीसदी हैं। भाजपा इस बात पर खुश है कि नीतीश कुमार ने अपने सात निश्चय में उस नारे को साथ लिया है जो भाजपा पहले ही ‘आत्मनिर्भर बिहार’ का नारा दिया था। सीएम नीतीश कुमार ने ‘सक्षम बिहार स्वावलंबी बिहार’ की बात कही है। भाजपा मानती है कि इसमें दोनों दल की राय एक है कि बिहार को आत्मनिर्भर बनाना है। बिहार का विकास करना है। लेकिन लगे हाथों भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल कहते हैं पीएम नरेंद्र मोदी सबसे ऊपर बैठे हैं। वह बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की कल्पना कर रहे हैं। उन्होंने विशेष निगाह बिहार पर रखी हुई है। युवा और महिलाओं के लिए लगातार कई योजनाएं बिहार के लिए उन्होंने शुरू की है। आज जो नीतीश कुमार ‘सक्षम बिहार स्वावलंबी बिहार’ का नारा दे रहे हैं भाजपा ने पहले ही ‘आत्मनिर्भर बिहार’ का नारा दे दिया था। जाहिर सी बात है उसी काम को नीतीश कुमार आगे बढ़ा रहे हैं।

भाजपा मानती है कि इसमें दोनों दल की राय एक है कि बिहार को आत्मनिर्भर बनाना है।
‘जदयू में युवा नहीं, तो कैसे कर सकते हैं युवा की बात’
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि जदयू में कोई युवा नहीं है, तो वह युवा की कैसे बात कर सकते हैं। हमारे नेता तेजस्वी यादव युवा भी हैं और युवाओं का दर्द भी समझते हैं। उन्हें पता है कि किस तरह से बिहार के युवा पलायन किए तो उन्हें क्या कष्ट उठाना पड़ा। बिहार में रोजगार के मुद्दे को राजद ही उठा रही है जबकि बिहार सरकार ने युवाओं को रोजगार नहीं दिया। रही बात ‘सात निश्चय पार्ट 2’ की तो जनता ने उन्हें निश्चय पूरा करने का समय दिया था। उन्होंने ‘पार्ट वन’ भी ढंग से नहीं किया है।
कांग्रेस याद दिला रही पीएम का भाषण
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं – नीतीश कुमार ने अपना पीठ खुद थपथपाया है। चिराग ने युवा और रोजगार को लेकर जो सवाल उठाया था उसका आज तक जवाब नहीं दे पाए हैं। जाहिर सी बात है इस बार उनकी हार निश्चित है। राजेश राठौर ने यह भी याद दिलाया कि मुजफ्फरपुर की रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार सरकार के 55 घोटाले एक-एक करके गिनाए थे। आज वो सीएम कैसे ठीक हो गए?
राजनीतिक जानकार क्या कहते हैं
राजनीति के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि सीएम नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी की योजनाओं को अपने सात निश्चय पार्ट 2 से जोड़ा है। उन्हें पता है कि बिहार में युवाओं की आबादी 65% से ज्यादा है। महिलाओं की भी आबादी ठीक-ठाक है। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार ने युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट का अलग विभाग बनाने की बात कहके यूथ और महिलाओं को टारगेट किया हैं। नीतीश कुमार इस टारगेट को भली भांति जानते हैं।
वहीं पत्रकार रवि उपाध्याय बताते हैं कि नीतीश कुमार की शैली हर राजनेताओं से अलग है। वह टारगेट पर ज्यादा फोकस करते हैं। देश में अभी कोई ऐसा मुख्यमंत्री नहीं है जो उनसे ज्यादा अनुभव रखता हो। उस अनुभव के आधार पर वह कई निर्णय लेते रहे हैं और उन्होंने कई निर्णय लिए हैं जो सफल रहे हैं। इस बार उन्होंने युवा और महिलाओं पर फोकस किया है तो जाहिर सी बात है उनके लिए यह फायदेमंद होगा।