Ljp President Chirag Paswan Is Confident To Form Government In Bihar With Bjp – बिहार में भाजपा के नेतृत्व में लोजपा की सरकार बनेगी : चिराग पासवान

सवाल: इन चुनावों में पिता जी की कमी कितनी खल रही है?
जवाब : व्यक्तिगत तौर पर बहुत कमी खल रही है। बेटे के सिर पर पिता का साया नहीं रहने से महसूस किया ज़िंदगी में कितना बड़ा खालीपन आ जाता है। सारी चीजें खल रहीं, वह भी ऐसे समय में जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। पहली बार कोई चुनाव है, जब पापा हमारे साथ नहीं। उनकी कमी महसूस हो रही है पर वही मुझे तैयार करके भी गए थे। उनमें इतनी दूरदर्शिता थी कि वो परिस्थितियों को भांप लेते थे, पिछले कुछ समय से इस चुनाव के लिए उन्होंने मुझे तैयार किया। आज भी मुझे अहसास होता है कि उनका हाथ मेरे सिर पर है। उन्हीं की दी हुई शक्तियां हैं कि आज रणभूमि में मजबूती से लड़ रहा हूं। पापा की जो अंतिम इच्छा थी, ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ उस दिशा में काम कर रहा हूं।

सवाल: ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ को कैसे पूरा करेंगे?

जवाब: यह बिहारी अस्मिता की लड़ाई है। बिहार को पहले पायदान पर लेकर जाने का संदेश है। पिछले 73 सालों में जहां एक तरफ दिल्ली, मुंबई चमचमाते शहर बने तो वहीं दूसरी ओर हमारा प्रदेश पिछड़ता चला गया। आज भी आप विकास के मापदंड पर देखें तो बिहार आखिरी पायदान पर है। यह हम लोगों के लिए चिंता का विषय रहा है। क्यों आज भी हमारे प्रदेश से पलायन होता है, उतना विकास क्यों नहीं, जितना होना चाहिए? दिल्ली-मुंबई के लोग शिक्षा व रोजगार के लिए बिहार क्यों नहीं आते? रोजगार के लिए क्यों हम बिहारियों को ही दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता है। मैं दिल्ली-मुंबई में रहा हूं, देखा है कैसे बिहारियों को वहां अपमानित किया जाता है। बिहारी शब्द को गाली बना दिया गया है। लोग परहेज करने लग गए थे बिहारी शब्द का उपयोग करने में। दूसरे प्रदेशों में अगर किसी को अपमानित करना है तो बोलते हैं- देखो बिहारी जा रहा है। मैं चाहता हूं कि हर बिहार का निवासी गर्व से बोले कि मैं बिहारी हूं। पंजाब के लोग गर्व से कहते हैं पंजाबी हूं, महाराष्ट्र के लोग गर्व से कहते हैं मराठी हूं, तो बिहार के लोग क्यूं नहीं बोलते? इसलिए मैंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म और हर जगह अपने नाम के आगे बिहारी शब्द जोड़ा।

सवाल: बिहार को फर्स्ट बनाने का रोडमैप क्या है?

जवाब: हमारे विजन डाक्यूमेंट में शायद ही ऐसी कोई समस्या हो जिनका समाधान नहीं हो, रोजगार, इन्फ्रास्ट्रक्चर, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं कैसे बेहतर हों सभी को विस्तार से बताया है। अगर बिहार को विकसित राज्य बनाना है, तो इन तमाम विषयों पर काम करने की जरूरत है। प्रति व्यक्ति आय कैसे बढ़ाई जा सके, इन तमाम चीजों का विजन हमने अपने डॉक्यूमेंट में दिया है।

सवाल : बिहार के लोगों का समर्थन मिलने का कितना भरोसा है?

जवाब: रैलियों में अपार जनसैलाब और उत्साह अप्रत्याशित है। मैंने इससे पहले इतना उत्साह और बदलाव का संकल्प नहीं देखा। मौजूदा मुख्यमंत्री को लेकर जनता में जो आक्रोश है, वही मेरा विश्वास बढ़ाता है। लोजपा मजबूत विकल्प के तौर पर सामने आई है। मुझे विश्वास है कि जनता का अपार समर्थन मिलेगा।

सवाल: आप नीतीश कुमार पर हमलावर हैं, उनसे इतनी नाराजगी क्यों?

जवाब : नाराजगी मेरी नहीं, जनता की है, आप जनता से खुद पूछिए, वह मुख्यमंत्री नीतीश के 15 साल के कार्यकाल से खुश नहीं है। पिछले 15 सालों में बिहार बद से बदतर स्थिति है। पलायन बढ़ गया। कोरोना काल में मुख्यमंत्री की कार्यशैली रही और उनका कहना था कि कोई बिहारी बिहार की सीमा में नहीं आएगा। बिहारियों को बदहाल क्वारंटीन सेंटर्स में रहने को मजबूर किया गया, इसे लेकर बिहारियों में आक्रोश है। इन मुख्यमंत्री के रहते बिहार का विकास नहीं हो सकता। मैं नीतीश जी की विकास की सोच के साथ सहमत नहीं हूं। हम अपने प्रदेश को क्यों जातियों में बांट रहे हैं। बिहार में अगर कोई एक जाति है तो वह है गरीबी की जाति, इसमें हर जाति, मजहब और धर्म के लोग हैं। मुख्यमंत्री को 12 करोड़ बिहारियों की बात करनी होगी, जो वो नहीं करते। पिछली बार इन्वेस्टर्स समिट कब किया, हमें पता ही नहीं चला, सिंगल विंडो क्लियरेंस ही नहीं है। अगल-अलग विभागों से एनओसी लेने मे निवेशकों की इच्छाशक्ति दम तोड़ देती है। लैंड रिफार्म्स, सिंगल विंडो क्लियरेंस जैसी सुविधा नहीं है। बिहार में पर्यटन में इतनी संभावनाएं हैं।

सवाल: बिहार में पर्यटन से रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं ?

जवाब : बिहार में पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं। इतनी खूबसूरत जगह हैं यहां, जिन्हें वाटर स्पॉट्स के तौर पर विकसित कर सकते हैं। खूबसूरत, नदी, तालाब और पहाड़ हैं जिन्हें पर्यटन के तौर पर विकसित कर सकते हैं। यहां वर्ल्ड क्लास की भोजपुरी फिल्में बनती हैं, तो क्यूं नहीं हम यहां फिल्म सिटी बनाएं। दूसरी इंडस्ट्री के लोग यहां पर आकर शूटिंग करें। हमने फिल्म सिटी की बात अपने विजन डाक्यूमेंट में की है।

सवाल: पीएम मोदी की तस्वीर लगाने को लेकर विवाद क्यों हुआ?

जवाब: मुझे नहीं पता कि ऐसा इन लोगों ने क्यों बोलना शुरू कर दिया कि हमें पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करना है। मैंने कहा कि एक जगह दिखाओ जहां मैंने पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया हो। मेरे व्यक्तिगत संबंध पीएम मोदी से हैं, उसे प्रचारित करने की जरूरत नहीं। जिन लोगों ने मुझे कहा कि पीएम मोदी की तस्वीर नहीं लगाएंगे, आज वही खुद पीएम मोदी की तस्वीर से गायब हैं। मैं प्रधानमंत्री जी की विकास की सोच के साथ था, हूं और रहूंगा। मैं चाहूंगा कि जैसे केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार है, वैसे ही बिहार में भी भाजपा के नेतृत्व में भाजपा-लोजपा की सरकार बनेगी।

सवाल: भाजपा ने नीतीश कुमार को सीएम चेहरा घोषित किया है, भाजपा के साथ अगर आप की सरकार बनी तो किसे मुख्यमंत्री देखना पसंद करेंगे?

जवाब: मौजूदा मुख्यमंत्री दोबारा सीएम नहीं बनने जा रहे यह तो स्पष्ट है। इनकी पार्टी की सीटें भी इतनी नहीं आएगी कि दोबारा सरकार बना पाएं। लोजपा, जदयू से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हमारी सीटें भी ज्यादा आएंगी, हमें भरोसा है जब जदयू-भाजपा मिलकर सरकार नहीं बना पाएंगे तो लोजपा के समर्थन से भाजपा सरकार बनाएगी।

सवाल: कंगना के हीरो बने, मोदी के हनुमान बने, बिहारियों के क्या बनेंगे?

जवाब : बिहार का लाल हूं, इसलिए बिहारियों की समस्याओं को समझता हूं, जानता हूं कि पलायन कितना मजबूर करती है घरवालों को छोड़कर दूसरे प्रदेश में जाने से। मैं मुंबई में माता-पिता से अलग रहा, मुझे पता है कि वो दिन कैसे काटे। यही कारण है कि सब छोड़ छाड़कर वापस भी आ गया। कोई खुशी से अपना घर-परिवार नहीं छोड़ कर जाना चाहता। मजबूरी होती है तब वो जाता है। अगर बेहतर शिक्षा और नौकरियां यहीं पर मिल जाएं तो क्यूं कोई छोड़कर जाना चाहेगा। इसीलिए बिहारियों की मुश्किलों को दूर करने की दिशा में काम करूंगा।

सवाल: बिहार को लेकर आप का विजन बड़ा है, पर राज्य की परिस्थितयां उलट हैं, कैसे पूरा कर पाएंगे?

जवाब: कोई परिस्थिति उलट नहीं है, बस आप को नीति की जरूरत है। परिस्थितियां उलट सीएम नीतीश कुमार को लगती हैं। वह कहते है कि यहां कारखाने नहीं खुल सकते क्योंकि यहां भौगोलिक स्थितियां नहीं हैं, समुंदर का किनारा नहीं है, तो समुंदर का किनारा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, एमपी में भी नहीं है, जब वहां पर हजारों की संख्या मे कारखाने खुल सकते हैं तो बिहार में क्यों नहीं? ऐसा इसलिए है क्योंकि आप के पास न नीयत है, न नीति। परिस्थितयों को दोष देना एक कमजोरी की निशानी है। अगर इच्छाशक्ति है तो असंभव को संभव बनाया जा सकता है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

5 Things We Learned From Tom Holland’s Uncharted Photos

Wed Oct 28 , 2020
The beauty of Uncharted, like Indiana Jones before it, is that it finds clever ways to mix fact and fiction. I have no doubt the filmmakers will do that for this movie. They could easily intertwine Magellan and Elcano’s voyages with myths about buried treasure, hidden artifacts, and who knows […]

You May Like