- राज्य सरकार बाहर से आए लोगों को बिहार में ही काम देना चाहती है
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान लोग को बहुत राहत पहुंचाने वाली योजना है
दैनिक भास्कर
Jun 20, 2020, 01:15 PM IST
पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की। बिहार के खगड़िया जिले के तेलिहार गांव से योजना से शुरुआत हुई। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से मांग की कि बिहार एक गरीब राज्य है। यहां उद्योग लगाने के लिए केंद्र सरकार जीएसटी और आयकर में छूट देने पर विचार करे। राज्य सरकार बाहर से आए लोगों को बिहार में ही काम देना चाहती है ताकि किसी को मजबूरी में बाहर न जाना पड़े।
हमलोगों के यहां क्रेडिट डिपोजिट अनुपात मात्र 43 फीसदी है। बिहार के लोग जो पैसा बैंक में जमा करते हैं उसका ज्यादा हिस्सा बैंक दूसरे राज्यों में इनवेस्ट करते हैं। हम चाहते हैं कि एनुअल क्रेडिट रेशियो बढ़ाई जाए। बिहार के एमएसएमई के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का आवंटन है। हमारा आग्रह है कि एमएसएमई में और अधिक आवंटन किया जाए, जिससे यहां के लोगों को अधिक काम मिले।
बाहर काम करने नहीं जाना चाहते हैं लोग
नीतीश ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा इससे दूसरे राज्य में काम कर रहे बिहार के लोगों को काफी कष्ट हुआ। राज्य सरकार ने उनकी मदद की। प्रति व्यक्ति 1000 रुपए दिए। करीब 21 लाख लोगों को इसका लाभ मिला। 29 अप्रैल को केंद्र ने गाइडलाइन में बदलाव किया। ट्रेन से लोगों को लाने की व्यवस्था हुई। हमारे यहां तो 20 लाख से ज्यादा लोग ट्रेन से आए। बाकी बहुत लोग तो सड़क मार्ग से आ गए। कई लोग तो पैदल और कैसे-कैसे भी घर लौटे।
हमने बाहर से आए लोगों के लिए क्वारैंटाइन और होम क्वारैंटाइन की व्यवस्था की। मैंने खुद भी क्वारैंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों से बातचीत की है। व्यवस्था को लेकर लोग खुश थे, लेकिन जब हम पूछते थे कि भाई आगे क्या विचार है? आप कहां गए थे? क्या करते थे? तो लोगों के मन में यह भाव देखा कि अब उनकी इच्छा बाहर जाकर काम करने की नहीं है। लोग अब राज्य में ही काम करना चाहते हैं। हमलोगों को भी लगा कि किसी को मजबूरी में बाहर न जाना पड़े। लोगों को राज्य में ही रोजगार मिले इसके लिए हमलोगों ने भी अपने स्तर से काम शुरू किया है।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान लोग को बहुत राहत पहुंचाने वाली योजना है। छह राज्यों के 116 जिलों का चयन किया गया है। बिहार के तो 38 में से 32 जिलों का चयन किया गया। यह बड़ी खुशी की बात है।